Shivaram Rajguru
The real hero of india Saheed Shivaram Rajguru
मात्र 6 साल की अवस्था में इन्होंने अपने पिता को खो दिया था।
पिता के निधन के बाद ये ये वाराणसी विद्याध्ययन करने एवं संस्कृत सीखने आ गये थे।
राजगुरु का जन्म पुणे के पास खेड ग्राम में ब्रिटिशकालीन भारत में हुआ था। वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य थे, जिनका मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश राज से मुक्ति दिलाकर आज़ाद करवाना था। उनके अनुसार महात्मा गांधी द्वारा चलाये जा रहे अहिंसावादी आंदोलनों की तुलना में ब्रिटिश राज के खिलाफ चलाये जा रहे रहे उग्र आंदोलन ज्यादा प्रभावशाली साबित होते थे।
अपने हिंसात्मक विचारो के चलते राजगुरु जल्द ही भगत सिंह और सुखदेव के सहयोगी बन गये थे
महान क्रांतिकारी राजगुरु
जन्म सन् 24 अगस्त 1908
राजगुरु का जन्म सन् 24 अगस्त 1908 में पुणे के पास खेड़ नामक गांव (वर्तमान में राजगुरु नगर) में देशाथा ब्राह्मण परिवार में हुआ थामात्र 6 साल की अवस्था में इन्होंने अपने पिता को खो दिया था।
पिता के निधन के बाद ये ये वाराणसी विद्याध्ययन करने एवं संस्कृत सीखने आ गये थे।
राजगुरु का जन्म पुणे के पास खेड ग्राम में ब्रिटिशकालीन भारत में हुआ था। वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य थे, जिनका मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश राज से मुक्ति दिलाकर आज़ाद करवाना था। उनके अनुसार महात्मा गांधी द्वारा चलाये जा रहे अहिंसावादी आंदोलनों की तुलना में ब्रिटिश राज के खिलाफ चलाये जा रहे रहे उग्र आंदोलन ज्यादा प्रभावशाली साबित होते थे।
अपने हिंसात्मक विचारो के चलते राजगुरु जल्द ही भगत सिंह और सुखदेव के सहयोगी बन गये थे
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